बदल रहा है साल मेरा,
उमंगों के बुलबुले लेकर,
ख़्वाहिशों के महल बनाऊँ,
ऐसा दिली आरज़ू है मेरी !
समय गतिमान है,
बड़ा ही बलवान है,
समय से बडा ना कोई,
समय !
कभी हँसाता है हमें,
तो कभी रुलाता है हमें,
नई-नई चालें चल,
फिर उन पर ही नचाता है हमें,
भूल जाएं बुरा सब आज,
याद रखें सूख के वो पल,
आओ मिलकर ख़ुशियाँ मनाएँ,
स्वागत करें नूतन वर्ष का हम,
नव वर्ष आपके जीवन में,
इतनी ख़ुशियाँ लेकर आए,
कि आपका जीवन फूलों,
से भर जाए !!
दामन में हों आपके,
ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ
ऐसी कामना मैं
करती हूँ !
नववर्ष मंगलमय हो !!
***-अनिता चंद /2018
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