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Month: April 2017

🥀परी हूँ मैं 👑

आसमान से उतरी, परी हूँ ‘मैं’ !
माँ-पापा की लाड़ली, हर घर आँगन की रौनक़ हूँ ‘मैं’ !
छोटी-छोटी आशाएँ लिए,
अल्हड़- अठखेलियों में बचपन बीता,
पतंग सी उड़ने लगी हूँ ‘मैं’ !
आसमान को छूने का सपना बुने,
ज़िम्मेदारियों को समझते सीखते
घर-बाहर के कामों में, कंधे से कंधा
मिलाकर, हाथ बटाने लगी हूँ परी हूँ,
परी हूँ ‘मैं’ !!
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बदल गया हर पहलू मेरा!
बदला-बदला सा है जहान,
‘परी थी! अब पिया की संगिनी हूँ ‘मैं’
बचपन गया, छूटा आँचल माँ का,
आज अपने आँचल में, वही प्यार समेटे हूँ ‘मैं’
जो सुन्दरता थी कभी ‘परी मुखड़े’ की अब
हुबहू सुन्दरता अपने ‘हृदय’ में उतारे स्नेह उँडेलती हूँ ‘मैं’
परिवार-आशियाने बसते हैं ‘मुझमें’
‘परी थी! अब सम्पूर्ण ‘नारी’ हूँ
गौरवमय नारी हूँ हाँ! स्नेहमय नारी हूँ ‘मैं’ !!

🌾अनिता चंद 🌾

एेसी चाहत है मेरी

ऐसी चाहत है मेरी !
मेरे घर की दीवारों को सात रंगॊ से रंग दूँ
घर की दहलीज़ पर फूलों भरा पाँवदान रखूँ !!

तुम आओ जो धूल भरे पाँव लेकर !
जब जाओ तो तुम्हारे पाँव में फूलों सी सुगन्ध भर दूँ,
ऐसी चाहत है मेरी !
मेरे घर के रोशनदानों से आती हैं,
चमकीली किरणें अंदर, उन किरणों के परिमल से,
ज्योतिर्मय कान्ति भर दूँ !
ऐसी चाहत है मेरी !!
अपना पराया कुछ न हो, तुम मिलो तो एक बार
अपना समझकर !
तुम्हारा दामन रंगोंभरी स्मृतियों से भर दूँ !
ऐसी चाहत है मेरी !!
अनिता चंद 🥀

रद्दी में क़ैद था यादों का ख़जाना

कभी-कभी रद्दी के कागज़ों में यादों के महल मिल जाते हैं !!
चंद टुकड़ो में बिखरा था ज़िन्दगी की यादों का ख़जाना !
जो रद्द था, व्यर्थ था, घर के एक कोने में ,
आँगन में स्थानविहीन था वो रद्द वीराना,
उन्ही, बेजान कागज़ों में मार्मिक ख़ज़ाने भी मिल जाते हैं !
खुलती हैं जब परते, स्मरण की भावविभोर होकर,
अकस्मात आँखों के सामने यादों के मंज़र नज़र आ जाते हैं !!
प्रवाह बन उठती है, हृदय में आंसुओ की धारा,
और दिल क दरवाज़े कमज़ोर पड़ जाते हैं !!
कभी-कभी रद्दी में भी हसीन सपनो के अंश मिल जाते हैं !!

उम्मीदों का दामन

हर उम्मीद की सुबह होती है !
हर ज़िन्दगी की ‘शाम’ होती है !!
ऐ दिल, ज़रा संभल जा,
न जाने किस मोड़ पर
पुनः प्रभात हो जाए !
ये तो वक़्त है
जो दर्पण दिखता है हमें !
हमने उम्मीदों का दामन,
ना छोड़ा है , न छोड़ेंगे !!
हर मोड़ पे ‘पलभर’ मुड़कर देखा है !
हर शाम की सुबह होती है !
हर पल ‘उम्मीद’ है कौन जाने कब !
आशाओं की सुबह हो जाए !!